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कांग्रेस की अप्रेंटिसशिप स्कीम को रघुराम राजन ने सराहा, कहा- आबादी का फ़ायदा नहीं उठा पा रहा है भारत

 17 Apr 2024

आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि भारत अपनी जनसंख्या के लाभ का फ़ायदा नहीं उठा पा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत को मानव पूंजी और कौशल (स्किल्स) पर ध्यान देने की जरूरत है। राजन ने यह बात मंगलवार को जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय में  ‘2047 तक भारत को उन्नत अर्थव्यवस्था बनाना’ विषय पर अपने संबोधन में कही। उन्होंने कांग्रेस घोषणापत्र में  शामिल अप्रेंटिसशिप स्कीम की सराहना की है।


हमें जनसंख्या का लाभ नहीं मिल रहा है - राजन

राजन ने भारत की अर्थव्यवस्था पर अपनी बात रखते हुए कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर बात की। राजन ने कहा कि भारत इस वक़्त जनसांख्यिकी लाभ के बीच के दौर से गुजर रहा है। राजन ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर को 6 फ़ीसदी या उससे कम बताने की वज़ह बताते हुए  कहा कि जब चीन और कोरिया ने अपना जनसांख्यिकी लाभ प्राप्त किया था, तब उनका ग्रोथ भी 6 फ़ीसदी पर ही थी।  भारत की ग्रोथ 6 फ़ीसदी होने का कारण सिर्फ़ जनसंख्या का लाभ न उठा पाना और नौकरियां नहीं दे पाना नहीं हैं बल्कि  सोचना यह चाहिये कि  नौकरियों का सृजन क्यों नहीं हो पा रहा है।

राजन ने कहा कि भारत को इस वक़्त लोगों की क्षमताओं को बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिये, और जो नौकरियां अभी उपलब्ध है  उनमें मूलभूत सुधार करने की आवश्यकता है।


कांग्रेस के घोषणापत्र में अप्रेंटिसशिप की सराहना

राजन ने कांग्रेस के घोषणापत्र की सराहना करते हुए कहा कि अप्रेंटिसशिप (कार्य के लिए ट्रेनिंग) के माध्यम से हम मानवीय क्षमताओं को बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत को आर्थिक रूप से मज़बूत बनाने के लिए बहुत ज़्यादा सक्षम युवाओं की जरुरत है।

भारत सरकार सेमीकंडक्टर  (एक तरह का मेमोरी मॉडल) चिप निर्माण के लिए कई अरबों डॉलर का निवेश करने जा रही है, जिसका राजन ने विरोध किया है। राजन ने कहा कि भारत को चिप में अरबों रूपये निवेश करने के बजाय,  चमड़ा उद्योग जैसी अन्य कंपनियों के बारे में सोचना चाहिए, जो बड़े पैमानें पर रोज़गार प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत को ऐसे क्षेत्रों में सब्सिडी देने की आवश्यकता है जिनमें रोज़गार के अवसर बहुत ज्यादा हैं। इन क्षेत्रों में सुधार की भी आवश्यकता है। ऐसे वक़्त में इन क्षेत्रों की उपेक्षा नहीं की जा सकती है जब रोज़गार जैसे मुद्दे हमारे सामने खड़े हों।



हमें सोचने की आवश्यकता है कि भारत के लोग बाहर क्यों जा रहे हैं

राजन ने कहा कि भारत के लोग सिंगापुर या सिलिकॉन वैली में जाकर काम करना इसलिए पसंद कर रहे हैं क्योंकि वहां बाज़ार तक अंतिम पहुंच की सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि कई भारतीय उद्यमियों में कुछ बड़ा करने का सपना है, लेकिन वो ये सब भारत में रहकर नहीं करना चाहते हैं। राजन ने कहा कि आज भारत में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहाँ बेरोज़गारी ना हो। भारत में जहां एक तरफ़ श्रम बल की भागीदारी बहुत कम है, वहीँ महिला श्रम की कम भागीदारी बहुत चिंताजनक है। राजन ने शिक्षित बेरोज़गारी पर चिंता ज़ाहिर की है। उन्होंने कहा कि बेशक आज बेरोज़गारी बड़े पैमाने पर हो लेकिन भारत में विनिर्माण क्षेत्र में पूंजी का प्रवाह ज़्यादा देखने को मिल रहा है। यदि हमें जनसंख्या का लाभ अधिक पाना है तो दक्षता बढ़ाने पर काम करना ही होगा।